Saturday, July 26, 2025
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Current Affairs 09 July 2025 | ख़बरों के शोर में ‘क्यों’ को कैसे सुनें?

मेरी कॉफ़ी की आदत थोड़ी अजीब है। मैं उसे सिप-सिप करके पीने की बजाय, उसे सामने रखकर ठंडा होने देता हूँ। उसे देखता हूँ, उसके बदलते रंग को, उसकी भाप को… और सोचता हूँ। आज भी मैं यही कर रहा हूँ, और मेरे सामने आज के अख़बारों का ढेर लगा है। हर अख़बार एक ही ख़बर को अलग-अलग तरीके से चीख रहा है। TRP की दौड़, ब्रेकिंग न्यूज़ का शोर, और सनसनी फैलाने की होड़।

और इस शोर में, असली मुद्दा कहीं खो जाता है। ‘क्या हुआ’ इतना हावी हो जाता है कि ‘क्यों हुआ’ की आवाज़ दब जाती है।

कल ही एक दोस्त का फोन आया, जो UPSC की तैयारी कर रहा है। वो बहुत परेशान था। “यार, रोज़ इतनी सारी ख़बरें होती हैं, समझ नहीं आता क्या पढ़ूँ और क्या छोडूँ। सब कुछ ज़रूरी लगता है।” उसकी आवाज़ में जो निराशा थी, वो आज के हर उस युवा की आवाज़ है जो ज्ञान के इस अथाह समंदर में गोता लगाने की कोशिश कर रहा है।

तो चलिए आज इसी पर बात करते हैं। किसी टीचर की तरह नहीं, बल्कि एक दोस्त की तरह। क्योंकि Current Affairs 09 July 2025 की तैयारी का मतलब सिर्फ़ उस दिन की ख़बरें रटना नहीं है। इसका मतलब है ख़बरों के शोर में उस शांत ‘क्यों’ को सुनने की कला सीखना।

आप एक लाइब्रेरियन नहीं, एक डिटेक्टिव हैं

यह बात मैं बार-बार कहता हूँ, और फिर कहूँगा। क्योंकि यह सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। हममें से ज़्यादातर लोग करेंट अफेयर्स की तैयारी एक लाइब्रेरियन की तरह करते हैं। हम जानकारी इकट्ठा करते हैं, उसे करीने से सजाते हैं, नोट्स बनाते हैं, और अपनी अलमारी में रख देते हैं।

लेकिन परीक्षा में आपसे एक डिटेक्टिव की उम्मीद की जाती है।

एक डिटेक्टिव क्या करता है? वह सिर्फ़ सबूत इकट्ठा नहीं करता। वह सबूतों के बीच के रिश्ते को समझता है। वह यह पता लगाता है कि एक घटना का दूसरी घटना से क्या लेना-देना है। वह कहानी के बिखरे हुए टुकड़ों को जोड़कर एक पूरी तस्वीर बनाता है।

चलिए, एक उदाहरण लेते हैं। मान लीजिए, आज की ख़बर है कि मॉनसून इस साल कमज़ोर रहने की आशंका है। एक लाइब्रेरियन इसे नोट कर लेगा – “मॉनसून 2024: कमज़ोर रहने की आशंका”। लेकिन एक डिटेक्टिव पूछेगा:

  • इसका कारण क्या है? क्या ‘अल नीनो’ प्रभाव सक्रिय है?
  • इसका कृषि पर क्या असर होगा? ख़ासतौर पर खरीफ की फसलों पर?
  • क्या इससे खाद्य मुद्रास्फीति (food inflation) बढ़ेगी?
  • क्या RBI अपनी मौद्रिक नीति (monetary policy) में कोई बदलाव करेगा?
  • क्या सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा जैसे रोज़गार कार्यक्रमों पर ज़्यादा खर्च करना पड़ेगा?
  • क्या इसका असर बाँधों में पानी के स्तर और बिजली उत्पादन पर पड़ेगा?

देखा आपने? एक अकेली ख़बर देश की अर्थव्यवस्था, राजनीति और समाज के कितने सारे तारों को छेड़ती है। जब आप इस तरह से ‘क्यों’ पूछना शुरू करते हैं, तब आप सिर्फ़ जानकारी नहीं, बल्कि ‘ज्ञान’ अर्जित कर रहे होते हैं। और यही ज्ञान आपको मेंस के उत्तर लिखने और इंटरव्यू में आत्मविश्वास से बोलने में मदद करता है।

जानकारी का मायाजाल और आपका ‘पर्सनल न्यूज़ एडिटर’

अब आप सोच रहे होंगे, “ठीक है, ‘क्यों’ तो पूछ लेंगे, लेकिन इतनी सारी जानकारी को मैनेज कैसे करें?” आज हम जानकारी के युग में नहीं, जानकारी के ‘शोर’ के युग में जी रहे हैं। हर वेबसाइट, हर यूट्यूब चैनल, हर कोचिंग सेंटर आपको ‘सबसे ज़रूरी’ करेंट अफेयर्स देने का दावा कर रहा है।

इस मायाजाल से बचने का एक ही तरीका है – अपना ‘पर्सनल न्यूज़ एडिटर’ बनें।

आपको हर चीज़ नहीं पढ़नी है। आपको यह तय करना है कि आपके लिए क्या ज़रूरी है। इसके लिए अपने सिलेबस को अपना सबसे अच्छा दोस्त बनाइए। अपने सिलेबस के हर एक शब्द को ध्यान से पढ़ें। जब भी आप कोई ख़बर पढ़ें, तो खुद से पूछें – क्या यह मेरे सिलेबस के किसी हिस्से से सीधे तौर पर जुड़ती है? अगर हाँ, तो ही वह आपके लिए ज़रूरी है।

उदाहरण के लिए, अगर आपके सिलेबस में ‘भारत की विदेश नीति’ है, तो प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा की हर एक तस्वीर ज़रूरी नहीं है। लेकिन उस यात्रा के दौरान हुआ कोई महत्वपूर्ण समझौता या संधि, आपके लिए बहुत ज़रूरी है। आपको यह फ़िल्टर लगाना सीखना होगा।

अपने स्रोतों को सीमित लेकिन विविध रखें। एक अच्छा अख़बार (जैसे ‘द हिन्दू’ या ‘इंडियन एक्सप्रेस’), एक सरकारी स्रोत (जैसे PRS या PIB), और एक विश्वसनीय मैगज़ीन (जैसे ‘योजना’ या ‘कुरुक्षेत्र’)। बस। इससे ज़्यादा के पीछे भागने का मतलब है एक ही जगह पर गोल-गोल घूमते रहना।

Daily Current Affairs 2025: भविष्य की तैयारी आज कैसे करें?

तो, Current Affairs 09 July 2025 की तैयारी आज कैसे हो? यह सवाल सिर्फ़ तारीख का नहीं, बल्कि एक अप्रोच का है।

इसकी तैयारी का सबसे अच्छा तरीका है – आज की ख़बरों में कल के बीज ढूँढ़ना।

मैं क्या कह रहा हूँ, समझाता हूँ। आज सरकार ने कोई नई पॉलिसी लॉन्च की है, जैसे मान लीजिए ग्रामीण प्रशासन को मज़बूत करने की कोई योजना। तो आज यह सिर्फ़ एक ख़बर है। लेकिन एक साल बाद, यानी 09 जुलाई 2025 को, ख़बर यह होगी कि उस पॉलिसी का ज़मीन पर क्या असर हुआ। वह कितनी सफल हुई, उसमें क्या चुनौतियाँ आईं, और अब आगे क्या करने की ज़रूरत है।

अगर आप आज उस पॉलिसी के मूल उद्देश्यों, उसके प्रावधानों और उसकी संभावित चुनौतियों को अच्छी तरह समझ लेते हैं, तो एक साल बाद जब उससे जुड़ी कोई भी ख़बर आएगी, तो आप उसे तुरंत समझ जाएँगे। आपके पास उस ख़बर को समझने का एक संदर्भ (context) होगा।

मैं इस बिंदु पर बार-बार वापस आ रहा हूं क्योंकि यह महत्वपूर्ण है: UPSC Current Affairs 2025 की तैयारी का मतलब है आज की घटनाओं को भविष्य के दृष्टिकोण से देखना। यह एक सतत प्रक्रिया है। विश्वसनीय जानकारी और सरकारी योजनाओं के अपडेट के लिए आप महासरकार जैसे पोर्टल्स पर भी नज़र रख सकते हैं, जो आपको नीतियों को समझने में मदद करते हैं।

मेरी कॉफ़ी अब पूरी तरह ठंडी हो चुकी है। लेकिन मेरे दिमाग में विचार अभी भी गर्म हैं। करेंट अफेयर्स की तैयारी एक बोझ नहीं है, यह एक रोमांचक पहेली को सुलझाने जैसा है। यह दुनिया को, अपने देश को, और अंत में खुद को बेहतर तरीके से समझने का एक मौका है।

तो, अगली बार जब आप ख़बरों के शोर से घिर जाएँ, तो एक गहरी साँस लें। और उस शोर में उस शांत, मासूम लेकिन सबसे शक्तिशाली सवाल को सुनने की कोशिश करें – ‘क्यों?’

वही आपका असली गाइड है।

करेंट अफेयर्स की तैयारी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या मुझे हर रोज़ नोट्स बनाने चाहिए? या वीकली/मंथली नोट्स काफी हैं?

हर रोज़ नोट्स बनाना सबसे अच्छी आदत है। इससे जानकारी छोटी-छोटी किश्तों में आपके दिमाग में बैठती है और बोझ महसूस नहीं होता। रोज़ अख़बार पढ़ने के बाद 30-40 मिनट निकालकर उस दिन की 4-5 सबसे महत्वपूर्ण ख़बरों पर संक्षिप्त नोट्स बना लें। वीकेंड पर आप इन डेली नोट्स को ही रिवाइज़ कर सकते हैं।

अख़बार पढ़ने में बहुत समय लगता है। इसे जल्दी कैसे पढ़ें?

शुरुआत में समय लगना स्वाभाविक है। हार न मानें। सबसे पहले, यह समझें कि आपको पूरा अख़बार नहीं पढ़ना है। राजनीतिक बयानबाज़ी, अपराध और बॉलीवुड की ख़बरों को छोड़ दें। अपना ध्यान एडिटोरियल, ओप-एड, नेशनल, इंटरनेशनल और इकोनॉमी पेज पर केंद्रित करें। धीरे-धीरे आपकी रफ़्तार अपने आप बढ़ जाएगी।

क्या YouTube पर करेंट अफेयर्स के वीडियो देखना काफी है?

वीडियो रिविज़न और किसी जटिल मुद्दे को समझने के लिए बहुत अच्छे हो सकते हैं, लेकिन वे अख़बार पढ़ने का विकल्प नहीं हो सकते। अख़बार पढ़ने से आपकी अपनी सोचने और विश्लेषण करने की क्षमता विकसित होती है, जो कि मेंस परीक्षा के लिए बहुत ज़रूरी है। वीडियो को एक सहायक सामग्री के तौर पर इस्तेमाल करें, मुख्य स्रोत के तौर पर नहीं।

मैं एक वर्किंग प्रोफेशनल हूँ। मेरे पास समय की कमी है, मैं कैसे तैयारी करूँ?

वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए समय का प्रबंधन सबसे बड़ी चुनौती है। आप अपने आने-जाने के समय में (जैसे मेट्रो या बस में) अख़बार का ई-पेपर या न्यूज़ ऐप्स पढ़ सकते हैं। रात में सोने से पहले या सुबह जल्दी उठकर एक घंटा निकालें। आप वीकेंड पर ज़्यादा समय देकर पूरे हफ़्ते का कवर कर सकते हैं। आपके लिए स्मार्ट वर्क ज़्यादा ज़रूरी है।

Current Affairs 09 July 2025 जैसी भविष्य की तारीख के लिए, क्या मुझे आज के डेटा और आंकड़े याद करने चाहिए?

डेटा और आंकड़े समय के साथ बदलते रहते हैं। इसलिए, आज के सटीक आंकड़ों को रटने की बजाय, उनके पीछे के ट्रेंड को समझें। उदाहरण के लिए, जीडीपी का सटीक आंकड़ा रटने की बजाय, यह समझें कि अर्थव्यवस्था की ग्रोथ बढ़ रही है या घट रही है, और उसके कारण क्या हैं। परीक्षा के नज़दीक आने पर आप लेटेस्ट इकोनॉमिक सर्वे और बजट से अपडेटेड आंकड़े देख सकते हैं।

Jenil
Jenilhttp://baxou.com
Jenil patel is a passionate blogger dedicated to sharing valuable information and insights with a global audience. Hailing from a vibrant Gujarati background, Jenil combines cultural richness with a modern perspective, creating content that informs, inspires, and engages readers
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