Saturday, July 26, 2025
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Current Affairs 17 July 2025 | समाचारों की भूलभुलैया में अपना रास्ता कैसे खोजें?

आज मैं अपनी कॉफ़ी शॉप में नहीं, बल्कि अपने फ़ोन पर दुनिया का नक्शा देख रहा हूँ। एक शहर से दूसरे शहर तक जाती पतली-पतली लकीरें, देशों को अलग करती सीमाएँ, और विशाल नीले समंदर। हम सबने यह नक्शा देखा है। लेकिन हम इसे देखते कैसे हैं, यहीं सारा फ़र्क है।

हममें से ज़्यादातर लोग करेंट अफेयर्स को इसी नक्शे की तरह देखते हैं – अलग-अलग डॉट्स की तरह। दिल्ली में एक घटना, वाशिंगटन में एक बयान, बीजिंग में एक पॉलिसी। हम इन डॉट्स को इकट्ठा करते हैं, उन्हें रटते हैं, और सोचते हैं कि हमने दुनिया को समझ लिया।

लेकिन असली खेल, मेरे दोस्त, उन डॉट्स को जोड़ने वाली अदृश्य लकीरों को देखने का है। यह समझने का है कि दिल्ली में लिया गया एक फ़ैसला वाशिंगटन और बीजिंग को कैसे प्रभावित करता है।

कल ही एक छात्र का मेसेज आया। उसका सवाल सीधा था, “सर, Current Affairs 17 July 2025 की तैयारी के लिए सबसे ज़रूरी क्या है?” और मेरा जवाब भी सीधा था – ‘कनेक्शन’। तो चलिए आज इसी पर बात करते हैं। किसी किताबी कीड़े की तरह नहीं, बल्कि एक जासूस की तरह, जो हर सुराग के पीछे की कहानी खोजता है।

‘क्या हुआ’ की भीड़ से निकलकर ‘क्यों हुआ’ की गली में चलिए

यह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में की जाने वाली सबसे आम और सबसे घातक गलती है। हम ‘क्या’ की भीड़ में खो जाते हैं। हम तथ्यों के बोझ तले दब जाते हैं।

उदाहरण के लिए, मान लीजिए, ख़बर है कि सरकार ने पूर्वोत्तर में एक नया हाईवे बनाने की घोषणा की है। एक औसत उम्मीदवार क्या करेगा? वह इसे नोट कर लेगा: “पूर्वोत्तर में XYZ हाईवे को मंजूरी। लम्बाई: इतने किलोमीटर। लागत: इतने करोड़।”

और यहीं पर ९९% उम्मीदवार गलती करते हैं।

अब एक स्मार्ट उम्मीदवार, एक जासूस, क्या सोचेगा? वह पूछेगा ‘क्यों’?

  • यह हाईवे अभी ही क्यों? क्या इसका संबंध भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ पॉलिसी से है?
  • क्या इसका चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव से कोई लेना-देना है? (यहाँ रक्षा और रणनीति का एंगल आ गया)
  • इस हाईवे से उस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा? क्या पर्यटन बढ़ेगा? (यहाँ इकोनॉमी का एंगल आ गया)
  • लेकिन रुकिए, क्या इस हाईवे के लिए जंगल काटे जाएँगे? इसका पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा? क्या स्थानीय जनजातीय समुदायों का विस्थापन होगा? (यहाँ पर्यावरण और सामाजिक न्याय का एंगल आ गया)

देखा आपने? एक अकेली ख़बर के कितने सारे आयाम हैं। जिस दिन आप हर ख़बर को इस तरह से चीर-फाड़ करना सीख जाएँगे, उस दिन आपको करेंट अफेयर्स से डर नहीं, बल्कि मज़ा आने लगेगा। यह किसी रहस्य को सुलझाने जैसा है।

सूचना का सुनामी और आपका ‘सेफ्टी जैकेट’

अब आप सोच रहे होंगे, “ठीक है, हम विश्लेषण तो कर लेंगे, लेकिन जानकारी ही इतनी ज़्यादा है कि हम डूब जाते हैं।”

बिलकुल सही। आज हम सूचना के युग में नहीं, सूचना की ‘सुनामी’ के युग में जी रहे हैं। हर कोई आपको ज्ञान की नाव में बिठाने का दावा कर रहा है, लेकिन ज़्यादातर नावें आपको गोल-गोल घुमाकर वहीं छोड़ देती हैं।

इस सुनामी से बचने के लिए आपको एक ‘सेफ्टी जैकेट’ की ज़रूरत है। और वह सेफ्टी जैकेट है – आपके ‘सीमित और विश्वसनीय स्रोत’।

मैं हमेशा कहता हूँ, दस अलग-अलग स्रोतों से एक-एक बार पढ़ने से कहीं बेहतर है, दो विश्वसनीय स्रोतों को दस-दस बार पढ़ना।

अपना एक नियम बनाइए: 1. एक राष्ट्रीय अख़बार: ‘द हिन्दू’ या ‘इंडियन एक्सप्रेस’। इसे अपना धर्मग्रंथ बना लीजिए। सिर्फ़ ख़बरें नहीं, एडिटोरियल और एक्सप्लेन पेज ज़रूर पढ़ें। 2. एक सरकारी स्रोत: PRS ब्लॉग या PIB की वेबसाइट। इससे आपको योजनाओं और बिलों की प्रामाणिक जानकारी मिलती है। 3. एक मासिक पत्रिका: ‘योजना’ या ‘कुरुक्षेत्र’। यह आपको किसी एक विषय पर गहरी और संतुलित समझ देती है।

बस! इसके अलावा जो कुछ भी है, वह सब शोर है। इस विषय के बारे में निराशाजनक बात यह है कि छात्र अक्सर शॉर्टकट के चक्कर में दर्जनों यूट्यूब चैनल और टेलीग्राम ग्रुप्स में फँस जाते हैं, और अपनी सबसे कीमती चीज़ – ‘समय’ – गँवा देते हैं। इन स्रोतों से मिली जानकारी आपको किसी भर्ती परीक्षा, जैसे कि BHEL की भर्ती या ICF की भर्ती के लिए भी एक ठोस आधार प्रदान करती है।

17 जुलाई 2025 की तैयारी | कल की फसल के लिए आज बीज बोना

चलिए अब सीधे उस सवाल पर आते हैं जो उस छात्र ने पूछा था। Current Affairs 17 July 2025 के लिए आज क्या करें?

इसका जवाब खेती के एक सिद्धांत में छिपा है। अगर आपको कल अच्छी फसल चाहिए, तो आपको आज सही बीज बोना होगा।

आपको आज की ख़बरों में कल के ‘मेगा-ट्रेंड्स’ के बीज पहचानने होंगे।

चलिए मैं इसे और स्पष्ट रूप से समझाने की कोशिश करता हूं।

  • आज भारत में ‘सेमीकंडक्टर मिशन’ पर चर्चा हो रही है। यह सिर्फ़ एक ख़बर है। लेकिन यह कल का मेगा-ट्रेंड है। 17 जुलाई 2025 को, ख़बर यह हो सकती है कि भारत में पहली चिप फैब्रिकेशन यूनिट ने काम करना शुरू कर दिया है। इसका भू-राजनीति (चीन-ताइवान पर निर्भरता कम होना) और अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा, यह आज की ख़बर से जुड़ा है।
  • आज हम ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एथिक्स’ पर बात कर रहे हैं। 2025 में, ख़बर यह हो सकती है कि सरकार ने AI को रेगुलेट करने के लिए एक नया कानून बनाया है। उस कानून के प्रावधानों को आप तभी समझ पाएंगे जब आप आज की बहस को समझेंगे।

मैं इस बिंदु पर बार-बार वापस आ रहा हूं क्योंकि यह महत्वपूर्ण है: UPSC Current Affairs 2025 की तैयारी का मतलब है आज की घटनाओं में भविष्य की संभावनाओं को देखना। यह एक सतत प्रक्रिया है। सभी नवीनतम ख़बरों और नौकरी की जानकारी के लिए, आप महाNMK जैसी वेबसाइट्स पर भी नज़र रख सकते हैं, जो आपको वर्तमान रुझानों से अपडेट रखती हैं।

अंत में, मैं वापस अपने स्टडी रूम के उस ढेर को देखता हूँ। अब वह मुझे एक किला नहीं, बल्कि एक खजाने का नक्शा लग रहा है। हर किताब, हर अख़बार एक सुराग है। और हर सुराग मुझे एक बड़ी तस्वीर के करीब ले जा रहा है।

करेंट अफेयर्स की तैयारी एक बोझ नहीं है। यह दुनिया को समझने का एक नज़रिया है। यह ख़ुद को एक बेहतर, ज़्यादा जागरूक इंसान बनाने का एक मौका है।

जिस दिन आप इस यात्रा का आनंद लेना शुरू कर देंगे, उस दिन सफलता आपके लिए सिर्फ़ एक मंज़िल नहीं, बल्कि एक सह-यात्री बन जाएगी।

करेंट अफेयर्स की तैयारी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या मुझे हर राज्य की स्थानीय ख़बरों पर भी नज़र रखनी चाहिए?

अगर आप UPSC की तैयारी कर रहे हैं, तो नहीं। आपको सिर्फ़ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की ख़बरों पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन, अगर आप किसी विशेष राज्य की सिविल सेवा (State PSC) की परीक्षा दे रहे हैं, तो आपको उस राज्य से जुड़ी महत्वपूर्ण ख़बरों, योजनाओं और बजट पर विशेष ध्यान देना होगा।

हिंदू या इंडियन एक्सप्रेस? कौन सा अख़बार बेहतर है?

यह सबसे क्लासिक सवाल है! सच कहूँ तो, दोनों ही अख़बार बहुत अच्छे हैं। यह पूरी तरह से आपकी व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है। ‘द हिन्दू’ की भाषा थोड़ी ज़्यादा अकादमिक मानी जाती है, जबकि ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अपने व्याख्यात्मक (explanatory) लेखों के लिए जाना जाता है। आप दोनों को कुछ हफ़्तों तक पढ़कर देख सकते हैं और जो आपको ज़्यादा सहज लगे, उसे चुन सकते हैं। महत्वपूर्ण अख़बार नहीं, बल्कि उसे पढ़ने का आपका तरीका है।

क्या राज्यसभा टीवी (RSTV)/संसद टीवी के डिबेट्स देखना मददगार होता है?

बहुत ज़्यादा! यह आपकी समझ को गहरा करने का सबसे अच्छा तरीका है। ‘बिग पिक्चर’ या ‘देश देशांतर’ जैसे कार्यक्रमों में आपको किसी भी मुद्दे पर विशेषज्ञों के विविध विचार सुनने को मिलते हैं। इससे न केवल आपका ज्ञान बढ़ता है, बल्कि आपकी अपनी राय बनाने और विश्लेषण करने की क्षमता भी विकसित होती है, जो मेंस और इंटरव्यू के लिए अमूल्य है।

मैं अक्सर महत्वपूर्ण ख़बरें भूल जाता हूँ। रिविज़न की सबसे अच्छी रणनीति क्या है?

भूलना मानवीय स्वभाव है। इसका एकमात्र इलाज है ‘स्पेसड रिविज़न’ (Spaced Revision)। आपने आज जो पढ़ा, उसे 24 घंटे के भीतर एक बार रिवाइज़ करें। फिर उसी चीज़ को एक हफ़्ते बाद, और फिर एक महीने बाद रिवाइज़ करें। डेली नोट्स बनाने की आदत डालें। हर रविवार को पूरे हफ़्ते के नोट्स को रिवाइज़ करने के लिए रखें। निरंतरता ही सफलता की कुंजी है।

Current Affairs 17 July 2025 के लिए, क्या मुझे आज के संपादकीय (Editorials) पढ़ने चाहिए, क्योंकि विचार तो बदल सकते हैं?

हाँ, बिलकुल पढ़ने चाहिए। संपादकीय पढ़ने का उद्देश्य किसी के विचार को रटना नहीं, बल्कि यह सीखना है कि किसी मुद्दे पर एक तर्कपूर्ण राय कैसे बनाई जाती है। आप लेखक के हर विचार से सहमत हों, यह ज़रूरी नहीं है। लेकिन आप यह सीखते हैं कि किसी विषय के पक्ष और विपक्ष में तर्क कैसे दिए जाते हैं। यह कौशल समय के साथ नहीं बदलता और यही आपको एक परिपक्व उत्तर लिखने में मदद करता है।

Jenil
Jenilhttp://baxou.com
Jenil patel is a passionate blogger dedicated to sharing valuable information and insights with a global audience. Hailing from a vibrant Gujarati background, Jenil combines cultural richness with a modern perspective, creating content that informs, inspires, and engages readers
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