बचपन में कभी सोचा था कि बड़े होकर वैज्ञानिक बनोगे? मैं तो सोचता था। सफ़ेद लैब कोट पहने, टेस्ट ट्यूब्स के साथ प्रयोग करते हुए, और कुछ ऐसा बनाते हुए जो दुनिया को बदल दे। ज़्यादातर बच्चों की तरह, मेरा यह सपना भी बड़े होते-होते कहीं पीछे छूट गया।
लेकिन आज, जब मैं अपनी कॉफ़ी शॉप में बैठकर किसी साइंस फिक्शन मूवी का ट्रेलर देखता हूँ, तो मेरे अंदर का वो बच्चा फिर से जाग जाता है। वो भविष्य की टेक्नोलॉजी, वो लेज़र गन्स, वो अदृश्य होने वाले विमान… कितना रोमांचक लगता है यह सब!
और फिर मुझे एहसास होता है कि यह सब सिर्फ़ कल्पना नहीं है। भारत में एक ऐसी जगह है जहाँ देश के सबसे प्रतिभाशाली दिमाग हर रोज़ इसी भविष्य को हकीकत में बदलने का काम कर रहे हैं। वह जगह है – DRDO.
तो, अगर आपके अंदर भी विज्ञान और टेक्नोलॉजी का कीड़ा है, अगर आप सिर्फ़ एक नौकरी नहीं, बल्कि एक मिशन चाहते हैं, तो चलिए आज DRDO Bharti 2025 के बारे में बात करते हैं। किसी सरकारी विज्ञापन की तरह नहीं, बल्कि एक दोस्त की तरह, जो आपको बता रहा है कि इस बंद दरवाज़े के पीछे की दुनिया कितनी अद्भुत है।
DRDO आखिर है क्या बला?
DRDO, यानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation)। यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय का R&D विंग है।
अब आप सोच रहे होंगे, “यह तो ISRO जैसा ही कुछ होगा।”
हाँ और नहीं। ISRO जहाँ अंतरिक्ष की ऊंचाइयों को छूने का काम करता है, वहीं DRDO देश की रक्षा के लिए ज़मीन, हवा, और समंदर में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक तकनीक और हथियार विकसित करता है।
चलिए मैं इसे और स्पष्ट रूप से समझाने की कोशिश करता हूं।
- ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ जैसी मिसाइलें, जिन्होंने भारत को एक परमाणु शक्ति बनाया – वो DRDO ने बनाई हैं।
- ‘तेजस’ जैसा हल्का लड़ाकू विमान, जो आज दुनिया के बेहतरीन विमानों में गिना जाता है – वो DRDO का ही कमाल है।
- अर्जुन टैंक, पिनाका रॉकेट लॉन्चर, और वो रडार सिस्टम जो दुश्मन की हर हरकत पर नज़र रखते हैं – यह सब DRDO की ही देन है।
संक्षेप में, DRDO भारत का वह ‘गुप्त हथियार’ है जो हमारी सेनाओं को भविष्य के युद्धों के लिए तैयार करता है। यह देश को रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनाता है। मुझे मानना पड़ेगा, यह हिस्सा मुझे बहुत आकर्षक लगता है। यहाँ काम करना मतलब, आप सीधे तौर पर देश की सुरक्षा नीति का हिस्सा हैं।
DRDO में आपके लिए क्या है?
जब भी DRDO की बात होती है, तो लोगों को लगता है कि यह सिर्फ़ PhD किए हुए वैज्ञानिकों के लिए है। असल में, यह पूरी तरह सही नहीं है। DRDO एक विशाल इकोसिस्टम है और इसे चलाने के लिए हर स्तर पर प्रतिभाशाली लोगों की ज़रूरत होती है।
DRDO भर्ती मुख्य रूप से दो चैनलों के माध्यम से होती है:
1. RAC (रिक्रूटमेंट एंड असेसमेंट सेंटर): यह ‘ग्रुप A’ के राजपत्रित वैज्ञानिकों (Scientist ‘B’ से लेकर ‘H’ तक) की भर्ती के लिए है।
- इसके लिए आपके पास इंजीनियरिंग या साइंस में प्रथम श्रेणी की डिग्री होनी चाहिए और ज़्यादातर भर्तियों के लिए GATE का वैध स्कोर अनिवार्य होता है। इसके बाद एक विस्तृत इंटरव्यू होता है। यह देश के टॉप ब्रेन को रिक्रूट करने का रास्ता है।
2. CEPTAM (सेंटर फॉर पर्सनेल टैलेंट मैनेजमेंट): यह वह रास्ता है जो ज़्यादातर युवाओं के लिए खुला है। CEPTAM, DRDO के लिए तकनीशियनों और अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों की भर्ती करता है।
- DRDO STA-B (सीनियर टेक्निकल असिस्टेंट ‘B’): यह डिप्लोमा या B.Sc. डिग्री वालों के लिए एक शानदार अवसर है। आप वैज्ञानिकों के साथ सीधे प्रोजेक्ट्स पर काम करते हैं।
- DRDO Tech-A (टेक्निशियन ‘A’): यह ITI पास छात्रों के लिए है। आप वर्कशॉप्स और लैब्स में मशीनों पर काम करते हैं।
- एडमिन & एलाइड (A&A): इसमें क्लर्क, स्टेनोग्राफर, सिक्योरिटी असिस्टेंट जैसे कई पद होते हैं, जिनके लिए 10वीं, 12वीं या सामान्य ग्रेजुएशन की योग्यता चाहिए होती है।
इस विषय के बारे में निराशाजनक बात यह है कि कई डिप्लोमा और ITI के छात्र यह सोचते ही नहीं कि वे DRDO जैसे प्रीमियम संस्थान का हिस्सा बन सकते हैं। वे BHEL या रेलवे की भर्तियों पर ही ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि DRDO उन्हें कहीं ज़्यादा चुनौतीपूर्ण और रोमांचक काम दे सकता है।
DRDO Bharti 2025 | चयन प्रक्रिया और तैयारी
ठीक है, तो अब आप भारत के ‘आयरन मैन’ बनने के लिए तैयार हैं। लेकिन इस सूट को पहनने के लिए आपको कुछ परीक्षाओं से गुज़रना होगा।
DRDO CEPTAM चयन प्रक्रिया:
आमतौर पर, CEPTAM की भर्ती में दो चरण (Tier-I और Tier-II) होते हैं।
- Tier-I (CBT for Screening): यह एक कंप्यूटर आधारित परीक्षा होती है जो सिर्फ़ स्क्रीनिंग के लिए होती है, यानी इसके मार्क्स फाइनल मेरिट में नहीं जुड़ते। इसमें क्वांटिटेटिव एबिलिटी, रीजनिंग, जनरल अवेयरनेस, और इंग्लिश जैसे सामान्य विषय होते हैं।
- Tier-II (CBT for Provisional Selection): असली खेल यह है। यह परीक्षा आपके विशिष्ट विषय (trade/subject) के ज्ञान का परीक्षण करती है। इसी परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर आपकी फाइनल मेरिट लिस्ट बनती है।
- स्किल/ट्रेड टेस्ट: कुछ पदों के लिए, Tier-II के बाद एक क्वालिफाइंग प्रकृति का स्किल टेस्ट या ट्रेड टेस्ट भी हो सकता है।
मैं इस बिंदु पर बार-बार वापस आ रहा हूं क्योंकि यह महत्वपूर्ण है: DRDO की तैयारी के लिए आपको अपने टेक्निकल विषय पर बहुत गहरी पकड़ बनानी होगी। सामान्य एप्टीट्यूड सिर्फ़ आपको दरवाज़े तक पहुँचाएगा, लेकिन अंदर प्रवेश आपको आपका कोर नॉलेज ही दिलाएगा। सभी नवीनतम और विश्वसनीय जानकारी के लिए, आपको DRDO की आधिकारिक भर्ती वेबसाइट (drdo.gov.in) और FreeJobAlert जैसे प्रतिष्ठित पोर्टल्स पर ही नज़र रखनी चाहिए। यह किसी राज्य स्तरीय भर्ती से कहीं ज़्यादा प्रतिस्पर्धी और प्रतिष्ठित है।
अंत में, जब मैं उन साइंस फिक्शन फिल्मों के बारे में सोचता हूँ, तो मुझे एहसास होता है कि कल की कल्पना को आज की हकीकत बनाने वाले लोग हमारे बीच ही हैं। वे DRDO की लैब्स में चुपचाप काम कर रहे हैं। वे सिर्फ़ एक नौकरी नहीं कर रहे हैं, वे देश का भविष्य लिख रहे हैं।
DRDO में काम करना सिर्फ़ एक करियर नहीं है। यह एक ऐसा मौका है जब आप अपनी टेक्स्टबुक के फॉर्मूलों को देश की ताकत में बदलते हुए देखते हैं। और यह एहसास, मेरे दोस्त, किसी भी सैलरी पैकेज से कहीं बढ़कर है।
DRDO भर्ती के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या आर्ट्स या कॉमर्स का छात्र DRDO में नौकरी पा सकता है?
हाँ, बिलकुल! DRDO मुख्य रूप से एक तकनीकी संगठन है, लेकिन इसे चलाने के लिए प्रशासनिक और सहायक कर्मचारियों की भी ज़रूरत होती है। DRDO CEPTAM के तहत एडमिन & एलाइड (A&A) कैडर में जूनियर ट्रांसलेशन ऑफिसर, स्टेनोग्राफर, एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंट (क्लर्क) जैसे कई पदों पर भर्ती होती है, जिनके लिए आर्ट्स और कॉमर्स के ग्रेजुएट भी आवेदन कर सकते हैं।
वैज्ञानिक ‘B’ के पद के लिए GATE स्कोर कितना महत्वपूर्ण है?
बहुत महत्वपूर्ण! ज़्यादातर इंजीनियरिंग विषयों के लिए, DRDO के RAC द्वारा वैज्ञानिक ‘B’ के पद पर भर्ती के लिए GATE स्कोर को प्राथमिक स्क्रीनिंग टूल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। एक बहुत अच्छा GATE स्कोर होना आपको इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट होने में लगभग गारंटी देता है। बिना GATE स्कोर के इस पद के लिए आवेदन करना बहुत मुश्किल है।
DRDO में पोस्टिंग कहाँ होती है? क्या यह सिर्फ बड़े शहरों में होती है?
DRDO की प्रयोगशालाएँ और प्रतिष्ठान पूरे भारत में फैले हुए हैं। आपकी पोस्टिंग दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे जैसे बड़े शहरों से लेकर चांदीपुर (ओडिशा), लेह (लद्दाख) जैसे दूरदराज और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर भी हो सकती है। आपको देश के किसी भी हिस्से में काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
क्या DRDO में काम बहुत ‘सीक्रेट’ होता है?
हाँ, आपके काम की प्रकृति के आधार पर, यह बहुत संवेदनशील और गोपनीय हो सकता है। आप उन परियोजनाओं पर काम कर रहे होते हैं जो सीधे तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी होती हैं। इसलिए, आपको गोपनीयता और सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना होता है। यह इस नौकरी के रोमांच का ही एक हिस्सा है।
DRDO Bharti 2025 की तैयारी के लिए सबसे अच्छी रणनीति क्या है?
सबसे पहले, अपनी स्ट्रीम (वैज्ञानिक, STA, या Tech) चुनें। अगर आप CEPTAM की तैयारी कर रहे हैं, तो Tier-I के लिए सामान्य SSC पैटर्न पर तैयारी करें, लेकिन Tier-II के लिए अपने डिप्लोमा/ITI/B.Sc. के सिलेबस को बहुत गहराई से पढ़ें। पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को हल करना बहुत ज़रूरी है। अगर आप वैज्ञानिक बनना चाहते हैं, तो आपका एकमात्र फोकस GATE परीक्षा में टॉप रैंक लाना होना चाहिए।