बचपन में कभी कागज़ का हवाई जहाज़ बनाकर उड़ाया है? मैं तो घंटों उड़ाता था। मेरा जहाज़ जब हवा में तैरता था, तो एक पल के लिए लगता था जैसे मैं ही उड़ रहा हूँ। वो एक अजीब सी आज़ादी का एहसास था। पंख न होते हुए भी, आसमान को छूने का एहसास।
आज, जब मैं अपनी कॉफ़ी शॉप में बैठकर असली हवाई जहाजों को आसमान में लकीरें खींचते हुए देखता हूँ, तो मुझे वही बचपन का एहसास फिर से याद आ जाता है। और मैं उन लाखों युवाओं के बारे में सोचने लगता हूँ, जिनकी आँखों में आज भी वही सपना है – आसमान को छूने का।
मैं पायलट बनने की बात नहीं कर रहा। मैं बात कर रहा हूँ उन नायकों की जो पर्दे के पीछे रहकर उन आसमान के बाज़ों को उड़ने के काबिल बनाते हैं। मैं बात कर रहा हूँ भारतीय वायु सेना के एयरमेन की।
जब भी हम Indian Air Force Airmen Bharti 2025 की बात करते हैं, तो अक्सर लोग इसे सिर्फ एक और ‘डिफेंस की नौकरी’ समझ लेते हैं। लेकिन मेरे दोस्त, यह उससे कहीं ज़्यादा है। यह सिर्फ एक नौकरी नहीं है, यह एक जीवनशैली है। एक पैशन है। एक ऐसा लाइसेंस है जो आपको हर दिन आसमान के थोड़ा और करीब ले जाता है। तो चलिए, आज इस पर थोड़ी दिल से बात करते हैं।
तो, यह ‘एयरमैन’ आखिर होता कौन है?
जब हम वायु सेना के बारे में सोचते हैं, तो हमारे दिमाग में सबसे पहले एक फाइटर पायलट की तस्वीर आती है, जो राफेल या सुखोई जैसे विमानों को उड़ा रहा होता है। वह बेशक एक हीरो है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि उस एक फाइटर जेट को उड़ाने के लिए ज़मीन पर कितने लोगों की फौज काम करती है? वह हीरो अकेला नहीं है। उसके पीछे सैकड़ों एयरमेन की एक अदृश्य सेना होती है।
चलिए मैं इसे और स्पष्ट रूप से समझाने की कोशिश करता हूं। एक एयरमैन, भारतीय वायु सेना की रीढ़ की हड्डी है। वह एक उच्च-कुशल तकनीशियन (highly-skilled technician) है।
- जब एक फाइटर जेट लैंड करता है, तो एक एयरमैन (टेक्निकल ट्रेड्स) उसके इंजन, उसके इलेक्ट्रॉनिक्स, उसके हथियारों की जाँच करता है। वह यह सुनिश्चित करता है कि अगली उड़ान के लिए वह पूरी तरह से तैयार है। उसकी एक छोटी सी चूक भी एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
- जब एयर ट्रैफिक कंट्रोल को किसी विमान को गाइड करना होता है, तो एक एयरमैन (नॉन-टेक्निकल ट्रेड्स) उस रडार सिस्टम को ऑपरेट कर रहा होता है। वह मौसम की जानकारी देता है, कम्युनिकेशन को संभालता है।
- जब पूरे एयर फ़ोर्स स्टेशन के प्रशासन को चलाना होता है, तो एक एयरमैन अकाउंट्स, लॉजिस्टिक्स और एडमिनिस्ट्रेशन का काम देख रहा होता है।
संक्षेप में, पायलट अगर शरीर है, तो एयरमैन उसकी आत्मा है। पायलट के बिना विमान उड़ नहीं सकता, लेकिन एयरमैन के बिना विमान बन ही नहीं सकता। मुझे मानना पड़ेगा, यह हिस्सा मुझे बहुत आकर्षक लगता है। यह गुमनाम नायक बनने जैसा है, जिसकी मेहनत के बल पर ही बड़े-बड़े हीरो अपना काम कर पाते हैं।
Agniveer Vayu: नई राहें, नए सवाल
अब आप सोच रहे होंगे, “लेकिन अब तो भर्ती ‘अग्निवीर वायु’ के तहत होती है। क्या यह अभी भी उतना ही अच्छा है?”
यह एक बहुत ही जायज़ और महत्वपूर्ण सवाल है। हाँ, अब एयरमेन की भर्ती Agniveer Vayu Intake के माध्यम से होती है। इसके तहत, आपको चार साल के लिए सेवा करने का मौका मिलता है।
इस विषय के बारे में निराशाजनक बात यह है कि कई लोग इसे सिर्फ एक ‘चार साल की नौकरी’ समझकर निराश हो जाते हैं। लेकिन मैंने शुरू में X सोचा था, लेकिन गहराई से देखने के बाद… मुझे लगता है कि इसे एक अलग नज़रिए से देखने की ज़रूरत है।
इसे इस तरह से सोचें: यह चार साल का एक ‘इनक्यूबेशन पीरियड’ है। – इन चार सालों में, भारतीय वायु सेना आप पर निवेश करती है। वह आपको दुनिया की सबसे उन्नत टेक्नोलॉजी पर काम करने की ट्रेनिंग देती है। वह आपको अनुशासन, टीम वर्क और लीडरशिप सिखाती है। – चार साल के अंत में, 25% सर्वश्रेष्ठ ‘अग्निवीर वायु’ को भारतीय वायु सेना में स्थायी सेवा (permanent service) के लिए चुन लिया जाएगा। वे एक पूर्ण एयरमैन के तौर पर अपना करियर जारी रखेंगे। – और बाकी 75% का क्या? वे खाली हाथ बाहर नहीं आते। वे एक अनुशासित, कुशल तकनीशियन बनकर बाहर आते हैं, जिनके पास एक शानदार स्किल सेट, एक अच्छा-खासा ‘सेवा निधि’ पैकेज, और एक ऐसा अनुभव होता है जिसकी सिविलियन दुनिया में बहुत ज़्यादा मांग है। कई बड़ी कंपनियाँ, ख़ासकर एविएशन और इंजीनियरिंग सेक्टर में, ऐसे प्रशिक्षित युवाओं को प्राथमिकता देती हैं।
तो, यह एक अंत नहीं है। यह दो शानदार करियर की शुरुआत का एक लॉन्चपैड है।
Indian Air Force Airmen Bharti 2025: क्या आपमें है वो बात?
ठीक है, तो अब आप इस रोमांच के लिए तैयार हैं। लेकिन इस नीली वर्दी को पहनने के लिए क्या लगता है?
एयरफोर्स अग्निवीर भर्ती 2025 में मुख्य रूप से दो ग्रुप होते हैं:
1. साइंस सब्जेक्ट्स (ग्रुप ‘X’ ट्रेड्स): इसके लिए आपको 12वीं कक्षा में भौतिकी, गणित और अंग्रेजी के साथ न्यूनतम 50% अंकों से पास होना ज़रूरी है। या आपके पास इंजीनियरिंग में तीन साल का डिप्लोमा होना चाहिए। टेक्निकल ट्रेड्स के लिए यही रास्ता है।
2. अदर दैन साइंस सब्जेक्ट्स (ग्रुप ‘Y’ ट्रेड्स): इसके लिए आपको किसी भी स्ट्रीम में 12वीं पास होना ज़रूरी है, जिसमें अंग्रेजी में न्यूनतम 50% अंक हों। नॉन-टेक्निकल ट्रेड्स, जैसे कि एडमिनिस्ट्रेशन, अकाउंट्स, लॉजिस्टिक्स, आदि के लिए यह रास्ता है।
लेकिन यहाँ सिर्फ़ मार्क्स का खेल नहीं है। चयन प्रक्रिया आपके हर पहलू को परखती है:
- फेज I (ऑनलाइन टेस्ट): यह एक कंप्यूटर आधारित परीक्षा है जिसमें आपकी अंग्रेजी, भौतिकी, गणित और तर्कशक्ति (रागा) का परीक्षण होता है।
- फेज II (वेरिफिकेशन और फिजिकल फिटनेस टेस्ट): ऑनलाइन टेस्ट पास करने के बाद, आपको डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और फिजिकल फिटनेस टेस्ट (PFT) के लिए बुलाया जाता है। PFT में दौड़, पुश-अप्स, सिट-अप्स, और स्क्वैट्स शामिल होते हैं। यहीं आपके ‘जिगरे’ की असली परीक्षा होती है।
- फेज III (मेडिकल परीक्षा): अंत में, एक विस्तृत मेडिकल जांच होती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप वायु सेना के कड़े मानकों पर खरे उतरते हैं।
मैं इस बिंदु पर बार-बार वापस आ रहा हूं क्योंकि यह महत्वपूर्ण है: यह भर्ती सिर्फ़ आपकी दिमागी ताकत नहीं, बल्कि आपकी शारीरिक और मानसिक दृढ़ता का भी इम्तिहान है। आपको एक टीम प्लेयर और एक अनुशासित व्यक्ति होना चाहिए। सभी नवीनतम और विश्वसनीय जानकारी के लिए, हमेशा अग्निवीर वायु की आधिकारिक वेबसाइट (agnipathvayu.cdac.in) और माझी नौकरी.नेट.इन जैसे प्रतिष्ठित पोर्टल्स पर ही नज़र रखें। यह भर्ती किसी स्थानीय भर्ती से बहुत अलग, एक अखिल भारतीय स्तर की होती है।
अंत में, कागज़ का हवाई जहाज़ उड़ाना एक खेल था। लेकिन असली हवाई जहाज़ के साथ काम करना एक जुनून है। यह एक ऐसा मौका है जो आपको भीड़ से अलग करता है। यह आपको सिर्फ़ एक नौकरी नहीं देता, यह आपको एक पहचान देता है – ‘IAF का एयरमैन’।
और यह पहचान, मेरे दोस्त, दुनिया की किसी भी डिग्री से बड़ी है।
एयरफोर्स एयरमैन (अग्निवीर वायु) भर्ती के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
ग्रुप ‘X’ और ग्रुप ‘Y’ में क्या अंतर है? कौन सा बेहतर है?
‘बेहतर’ कुछ नहीं होता, यह आपकी योग्यता और रुचि पर निर्भर करता है। ग्रुप ‘X’ टेक्निकल ट्रेड्स के लिए है, जिसमें विमानों के रखरखाव, इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग से जुड़े काम होते हैं। इसके लिए साइंस (PCM) बैकग्राउंड होना ज़रूरी है। ग्रुप ‘Y’ नॉन-टेक्निकल ट्रेड्स के लिए है, जिसमें एडमिनिस्ट्रेशन, अकाउंट्स, लॉजिस्टिक्स, और कम्युनिकेशन जैसे काम शामिल हैं। इसके लिए किसी भी स्ट्रीम का छात्र आवेदन कर सकता है। ग्रुप ‘X’ का वेतन ग्रुप ‘Y’ से थोड़ा ज़्यादा होता है।
क्या चार साल की सेवा के बाद कोई पेंशन मिलेगी?
नहीं, अग्निवीर योजना के तहत चार साल की सेवा के बाद पेंशन का प्रावधान नहीं है। लेकिन, आपको एकमुश्त ‘सेवा निधि’ पैकेज मिलता है, जो लगभग 10-12 लाख रुपये का होता है। यह एक अच्छी-खासी रकम है जिससे आप अपनी आगे की पढ़ाई या कोई नया करियर शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा, जो 25% अग्निवीर स्थायी सेवा में चुने जाते हैं, उन्हें पेंशन सहित सभी लाभ मिलते हैं।
फिजिकल फिटनेस टेस्ट (PFT) कितना कठिन होता है?
PFT चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन असंभव नहीं। इसमें आमतौर पर 1.6 किलोमीटर की दौड़ 7 मिनट के भीतर पूरी करनी होती है, साथ ही निर्धारित समय में पुश-अप्स, सिट-अप्स और स्क्वैट्स करने होते हैं। इसके लिए आपको परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ नियमित रूप से शारीरिक अभ्यास भी करना होगा। स्टेमिना और दृढ़ता ही सफलता की कुंजी है।
क्या Indian Air Force Airmen Bharti 2025 में लड़कियाँ भी आवेदन कर सकती हैं?
हाँ! यह एक बहुत ही सकारात्मक बदलाव है। अग्निवीर वायु योजना के तहत अब लड़कियाँ भी एयरमैन के पदों के लिए आवेदन कर सकती हैं। उनके लिए भी पात्रता मानदंड और चयन प्रक्रिया वही है जो लड़कों के लिए है। यह भारतीय वायु सेना में महिलाओं के लिए एक शानदार अवसर है।
चार साल बाद जो 75% अग्निवीर बाहर आएंगे, उनके भविष्य का क्या?
सरकार और कई कॉर्पोरेट घरानों ने यह घोषणा की है कि वे अग्निवीरों को अपने यहाँ नौकरियों में प्राथमिकता देंगे। उन्हें CAPFs (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल), राज्य पुलिस बलों में वरीयता मिलेगी। इसके अलावा, उन्हें बिज़नेस शुरू करने के लिए आसानी से लोन और आगे की पढ़ाई के लिए क्रेडिट की सुविधा भी दी जाएगी। उनका भविष्य सुरक्षित और संभावनाओं से भरा है।